टैक्नोलॉजी को सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ इंटीग्रेट करते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने डिजिटल हेल्थ पर पाठ्यक्रम शुरू किया
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर डिजिटल प्रगति के असर को जांचने का प्रयास, इस सर्टिफिकेट कोर्स के जरिये नॉलेज को अपग्रेड करने का मिलेगा महत्वपूर्ण अवसर - डॉ. पीआर सोडानी, प्रेसिडेंट, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी
जयपुर- देश में अग्रणी स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान विश्वविद्यालय आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर ने डिजिटल हेल्थकेयर सिस्टम में दिलचस्पी रखने वाले इच्छुक पेशेवरों के लिए डिजिटल हेल्थ पर अपना पहला सर्टिफिकेट कोर्स लॉन्च किया है। इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का उद्देश्य डिजिटल हेल्थ की दुनिया में हाल के दौर में हुए इनोवेशंस की समझ के साथ स्वास्थ्य पेशेवरों की पीढ़ी को विकसित करना है, ताकि वे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, सामर्थ्य और गुणवत्ता को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य प्रणालियों के बेहतर परफॉर्मेंस में योगदान दे सकें।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना के बाद से, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रबंधन संबंधी प्रक्रियाओं में सुधार के उद्देश्य से लगातार काम कर रहा है। देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल और डिजिटल हेल्थकेयर ईकोसिस्टम के बीच मौजूदा फासले को ध्यान में रखते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने डिजिटल हेल्थ से जुड़े इनोवेशंस के साथ हेल्थ प्रोफेशनल्स को विकसित करने की जरूरत को समझा है। इस तरह बेहतर स्वास्थ्य देखभाल तक लोगांे की पहुंच को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। इसलिए हमारी विशेषज्ञता ने हमारे पूर्व छात्रों के विविध नेटवर्क और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कार्य पेशेवरों के लिए अत्याधुनिक टैक्नोलॉजी से युक्त इस पाठ्यक्रम को तैयार करने का निर्णय लिया है। मैं सभी प्रतिभागियों का स्वागत करता हूं और अपनी टीम को उनके प्रयासों और इस लॉन्च की शानदार सफलता के लिए बधाई देता हूं।’’
स्कूल ऑफ डिजिटल हेल्थ के सलाहकार बोर्ड द्वारा अनुमोदित, 6 महीने तक चलने वाला इमर्सिव प्रोग्राम आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के समर्पित संकाय सदस्यों द्वारा डिजाइन और संकल्पित किया गया है। पाठ्यक्रम को इस तरह तैयार किया गया है कि दूरस्थ इलाकों में रहने वाले विद्यार्थी भी इसका लाभ ले सकें। इस लिहाज से इसे ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा। हालाँकि यूनिवर्सिटी के कैम्पस में विचार-विमर्श में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। इस भव्य लॉन्च के माध्यम से, स्कूल ऑफ डिजिटल हेल्थ ने स्वास्थ्य सेवा से संबंधित सभी क्षेत्रों में सक्रिय रूप से शामिल होने का प्रयास किया है। साथ ही, देश की स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से मजबूत बनाने के सरकार के एजेंडे में अपनी तरफ से योगदान देने की दिशा में भी कदम उठाए हैं।
पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए संकाय सदस्य और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. स्वप्निल गढ़वे ने बताया कि यह इमर्सिव सर्टिफिकेट कोर्स छात्रों को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहायता करेगा। साथ ही उन्हें स्वास्थ्य देखभाल सिस्टम के साथ डिजिटल टैक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल के लिए आवश्यक कौशल से भी लैस करेगा।
कुशलतापूर्वक तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम को कामकाजी पेशेवरों के लिए उपयुक्त ट्रेनिंग प्रणाली के लिहाज से संचालित किया जाएगा। इसमें व्याख्यान और चर्चा, केस चर्चा/विश्लेषण, प्रोजेक्ट कार्य, टर्म पेपर और असाइनमेंट को भी शामिल किया गया है। ऑनलाइन मोड में संचालित होने के कारण छात्रों को संकाय सदस्यों और साथियों के साथ विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल होने के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा, जो छात्रों को विकास और उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करेगा।